
"आर्याव्रत भ्रगुवंशी जोशी समाज महासभा" एअक सामाजिक संगठन हें इसका उद्देश्य समस्त भारत वर्ष में व्याप्त जोशी समाज को एक मंच पर लाना हें जोशी समाज अनेक उपनामों से भी भारत वर्ष में विधमान हें जेसे की भ्रगुवंशी,जोशी,ज्योतिष,भार्गव,पूरबिया,छिबारी, हम वाही उदहारण दे रहे हें जो आज हमारे रिश्ते नाते में मौजूद हें संभवतः कुछ और भी नाम हो सकते हें वेसे हम जिस समाज में जन्मित हें उसमे अनेक गोत्रावली भी हें मुझे पूरा उसका ज्ञान तो नहीं हें पर जो हें में लिख रहा हूँ गोत्र-- कांकर,अत्रोलिया, पड़िया,फूल्पचोरी,गुरारे,अवम अन्य -अन्य मूलतः; ऋषि भ्रगु को मानते हें वेसे "जाती भास्कर" नामक किताब के अनुसार ज्योतिष का अपभ्रंश जोशी हें अगर हम कुछ और पीछे जांए तो यह ये जानकारी आती हें की हमारे पूर्वज पूजा-पाठ,कथा भागवत, धार्मिक अनुष्ठान , हस्त रेखा, आदि के पूर्ण ज्ञाता थे , श्री रामचरित मानस में भी बाल कांड दोहा क्रमांक ३११ चौपाई क्रमांक ४ में एअक वर्णन आया हें " पठेई दिन्ह नारद सन सोई , गनी जनक के गंकंह जोई॥ सुनी सकल लोगन्ह यह बाता, कहैं जोतिषी आहिन बिधाता॥ उद्देश्य समस्त जोशी समाज को एक मंच पर लाने का हें आप सादर आमंत्रित हें --विनोद पाराशर ०९९७७०१४७७७ भोपाल मध्य प्रदेश ।
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