
ये एक सामाजिक शंदेश हें भ्रगुवंशी, जोशी, ज्योतिष,छिबारी, पूरबिया, गड़क, समाज को हमारा उद्देश्य हम जिस समाज को स्वीकार करते हें उसका व्यापक प्रचार प्रसार करना एवम हमारे जोशी समाज के भाइयों से परस्पर संपर्क करना हें इसी तारतम्य में हमने सन २०१० में आर्याव्रत भ्रगुवंशी जोशी समाज का गठन कर सामाजिक दायित्व का निर्वाह करने का प्रण लिया हें यह तो सर्व व्याप्त हें की भ्रगुवंशी जोशी समाज समस्त भारत वर्ष में निवासरत हें और अपनी-अपनी योग्यता के अनुसार राष्ट्र हित में अपना योगदान कर रही हें अगर हम प्राचीनकाल में निगाह डाले तो ये सामने आता हें की हमारे पूर्वज पूजा-पाठ,धार्मिक अनुष्ठान, हस्तरेखा आदि में पारंगत थे जाती भास्कर नामक पुस्तक में भी इस तरह का वर्णन हें एवम श्री रामचरित मानष के बालकाण्ड में दोहा क्रमांक ३११ चौपाई क्रमांक ४ में "पठे दीन्ह नारद सन सोई , गनी जनक के गनकंह जोई॥ सुनी सकल लोगन्ह ये बाता कहाह्नी ""जोतिषी"" आहनी बिधाता॥ खेर आज आधुनिक युग हें शिक्षा के भरपूर अवसर हें इसलिए ज्यादातर युवा पीड़ी राष्ट्र को अपना योगदान प्रदान कर रही हें ये जरुरी भी हें हमारा उद्देश्य ये हें की जन्हा-जन्हाजोशी समाज हें वह भारत को मजबूत बनाने में अपना पूरा पूरा योगदान दे बाकि जोशी समाज को हम एक मंच पर देखना चाहते हें ये एक प्रयास हें आजतक हमारे पास कोई राष्ट्रिय मंच नहीं था अब हें आप संपर्क कर सकते हें विनोद पराशर भोपाल मध्य प्रदेश ०९९७७०१४७७७ ,९८२६७०९५९८ आपके उत्तर एवम प्रितिक्रिया की प्रतीक्षा में ......
6232786661 एक बार संपर्क करे
ReplyDelete