Saturday, 4 December 2010
"हम जोशी समाज से हें"
जेसा की पहले हमने चर्चा में कहा की परम्परागत तरीके से समाज ने अपने कार्य को करने में ही भलाई समझी और कोई व्य्ब्सय न होने से,आर्थिक तंगी,मार्गदर्शन का न होना यही कुछ विशेष कारन रहे पर जो भी जोशी समाज हमारा समाज हें हम जोशी समाज रुपी वाट वृक्ष की मात्र एक टहनी की तरह ही हें आज आवश्यकता हें जोशी समाज को संगठित होने की आवश्यकता हें समस्त जोशी समाज को एक मंच पर आने की क्योंकि आज जीवन में अनेकानेक समस्याएं होती हें जिसका निदान एक व्यक्ति नहीं कर पता और हमे आवश्यकता पड़ती हें हमारे बड़े,बुजुर्गो की जो हमे सही मार्गदर्शन कर सके और हमारे प्रकाश मार्ग दिखा सके अब कारन यह हें की हम केसे एक दुसरे को जाने पहचाने भारय्त व्कार्ष की आवादी ज्यादा हें जोश/समाज हें तो सम्पूर्ण भारत वर्ष में परन्तु एक दुसरे से संपर्क में नहीं हें कारन यह हें कोई कोई एक सर्वमान्य मंच भी नहीं था जिसके माध्यम से जोशी समाज एक दूसरे से तारतम्य बिठा सके पर हमने आप सब के आशीर्वाद से मार्गदर्शन से एक समाज हितेषी संगठन का निर्माण किया हें ये संगठन ही जोशी चिबारी समाज को एक दुसरे से जोड़ सकता हें इसलिए समस्त जोशी समाज के भाइयों से अपील हें की किर्पया आप "आर्याव्रत जोशी सामान शनि उपासक महासभा" में अपने विचार प्रस्तुत करे हमे नए विचार मार्गदर्शन दे इसी के साथ ......जय शनि देव
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aiyejoshi bhaddari aur dskot jatibk log apka manch hi bhaddar rishi vannshb magasabha
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