सम्मानीय सामाजिक बन्धुवरो सादर प्रणाम ,
जैसा कि आपको विदित हे कि सामाजिक उत्थान उन्नति के लिए आप,हम,सभी सतत प्रयत्न्शील हे उसका मुख्य कारण भी यही हे कि आज हम अन्य समुदाओं से पिछड़े हुए हे।
हमारे पिछड़ेपन का कारण भी हम ही हे क्योंकि हम अपने जीवन में सभी कार्यो के लिए समय निकाल लेते हे पर जंहा सामाजिक कार्यो में आना जाना हो या कोई सामाजिक चर्चा आदि के लिए ेएकत्रित होना हो हम समय नहीं निकल पाते हे यही कारण हे कि हम अभी भी रेस में बहुत पीछे हे!
समाज का उत्थान केसे किया जाये---???
मुझसे कई बंधुओ ने ये प्रश्न किया अब में भी इसका क्या उत्तर देता मेने भी समाज सेवा में कोई डिग्री हासिल नहीं कि मेरा मानना हे कि प्रथम हम ये प्रयास करे कि हर मोहल्ले,गांव,तहसील, जिला, स्तर पर जँहा जो हमारे सामाजिक बंधुवर निवास करते हे छोटे छोटे सामाजिक समूह का निर्माण करे साप्ताहिक,मासिक,या त्रैमासिक बैठक करे जिस से हमे एक दुसरे के साथ जुड़ने का लाभ मिलेगा बैठकर हम एक दुसरे का दुःख दर्द समझ पाएंगे निराकरण कर पाएंगे।
बैठक से ही काफी कुछ सकारात्मक परिवर्तन आते हे मेरा ऐसा अनुभव रहा हे
कृपया आप भी कुछ सकारात्मक प्रतिक्रिया दे।
जय भृगुवंश
जैसा कि आपको विदित हे कि सामाजिक उत्थान उन्नति के लिए आप,हम,सभी सतत प्रयत्न्शील हे उसका मुख्य कारण भी यही हे कि आज हम अन्य समुदाओं से पिछड़े हुए हे।
हमारे पिछड़ेपन का कारण भी हम ही हे क्योंकि हम अपने जीवन में सभी कार्यो के लिए समय निकाल लेते हे पर जंहा सामाजिक कार्यो में आना जाना हो या कोई सामाजिक चर्चा आदि के लिए ेएकत्रित होना हो हम समय नहीं निकल पाते हे यही कारण हे कि हम अभी भी रेस में बहुत पीछे हे!
समाज का उत्थान केसे किया जाये---???
मुझसे कई बंधुओ ने ये प्रश्न किया अब में भी इसका क्या उत्तर देता मेने भी समाज सेवा में कोई डिग्री हासिल नहीं कि मेरा मानना हे कि प्रथम हम ये प्रयास करे कि हर मोहल्ले,गांव,तहसील, जिला, स्तर पर जँहा जो हमारे सामाजिक बंधुवर निवास करते हे छोटे छोटे सामाजिक समूह का निर्माण करे साप्ताहिक,मासिक,या त्रैमासिक बैठक करे जिस से हमे एक दुसरे के साथ जुड़ने का लाभ मिलेगा बैठकर हम एक दुसरे का दुःख दर्द समझ पाएंगे निराकरण कर पाएंगे।
बैठक से ही काफी कुछ सकारात्मक परिवर्तन आते हे मेरा ऐसा अनुभव रहा हे
कृपया आप भी कुछ सकारात्मक प्रतिक्रिया दे।
जय भृगुवंश
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