Friday, 31 December 2010

नव वर्ष की नव बेला ......

समस्त स्वजाति वन्धुवर अंग्रेजी नव वर्ष २०११ की आपको हार्दिक हार्दिक बधाइयाँ ये नव वर्ष आपके जीवन में
शांती
सद्भावना
संयम
शहनशीलता
सहजता
समता
शक्ती
का समग्र प्रवेश करे आप खुश हाल हो जीवन की नै रह नै दिशा की और अग्रसर होते रहे ठेरों शुभकामनाओं के साथ नव वर्ष मंगलमय हो

विक्रम संवत --२०६७ - पौष द्वादशी
शक संवत १९३२ -पौष ग्यारस

Saturday, 11 December 2010

शुभकामना

आप सभी जोशी समाज के महनुभवो को समाज का पंजीयन होने पर हार्दिक शुभकामना

Thursday, 9 December 2010

आवाहन

सभी जोशी समाज से आवाहन हें की वो अपनी सक्रियता का परिचय दे ओउर आर्यव्रत जोशी समाज से सतत संपर्क में बने रहे

Saturday, 4 December 2010

joshi samaj shani upasak mahasabha

me samast joshi samaj(shani)upasak swjati bandhuvar ka hardik abhinandan karta hun.

in reference to: How do I add Reactions to my blog? - Blogger Help (view on Google Sidewiki)

"हम जोशी समाज से हें"

जेसा की पहले हमने चर्चा में कहा की परम्परागत तरीके से समाज ने अपने कार्य को करने में ही भलाई समझी और कोई व्य्ब्सय न होने से,आर्थिक तंगी,मार्गदर्शन का न होना यही कुछ विशेष कारन रहे पर जो भी जोशी समाज हमारा समाज हें हम जोशी समाज रुपी वाट वृक्ष की मात्र एक टहनी की तरह ही हें आज आवश्यकता हें जोशी समाज को संगठित होने की आवश्यकता हें समस्त जोशी समाज को एक मंच पर आने की क्योंकि आज जीवन में अनेकानेक समस्याएं होती हें जिसका निदान एक व्यक्ति नहीं कर पता और हमे आवश्यकता पड़ती हें हमारे बड़े,बुजुर्गो की जो हमे सही मार्गदर्शन कर सके और हमारे प्रकाश मार्ग दिखा सके अब कारन यह हें की हम केसे एक दुसरे को जाने पहचाने भारय्त व्कार्ष की आवादी ज्यादा हें जोश/समाज हें तो सम्पूर्ण भारत वर्ष में परन्तु एक दुसरे से संपर्क में नहीं हें कारन यह हें कोई कोई एक सर्वमान्य मंच भी नहीं था जिसके माध्यम से जोशी समाज एक दूसरे से तारतम्य बिठा सके पर हमने आप सब के आशीर्वाद से मार्गदर्शन से एक समाज हितेषी संगठन का निर्माण किया हें ये संगठन ही जोशी चिबारी समाज को एक दुसरे से जोड़ सकता हें इसलिए समस्त जोशी समाज के भाइयों से अपील हें की किर्पया आप "आर्याव्रत जोशी सामान शनि उपासक महासभा" में अपने विचार प्रस्तुत करे हमे नए विचार मार्गदर्शन दे इसी के साथ ......जय शनि देव

Friday, 3 December 2010

जोशी समाज से

पुरातन काल से ही भारत वर्ष में समाज के आधार पर कार्यो का विभाजन कर दिया गया था जेसे की -: ब्राहमण का कार्य पूजा पाठ क्षत्रिय का काम saमज अवम देश की रक्षा आदि- आदि समय गुजरता गया समाज में भी आये दिन परिवरतन होने लगे योग्यता को महत्त्व दिया जाने लगा विकास की धरा भी बहने लगी शिक्षा का पैसरा भी हर जगह होने लगा वर्तमान में आज हर व्यक्ति स्वतंत्र हें हर व्यक्ति अपनी योग्यता के अनुसार कोई भी व्यवसाय चुन सकता हें कार्य कर सकता हें आज सब स्वतंत्र हें पर वर्तमान के पारिद्रश्य में भी कुछ समाज अपना पेत्रिक कार्य ही कर रहे हें जो की उन्हें विरासत में मिला हें उस कार्य को करने का कारन भी शायद यह हें की वो सब लोग उस कार्य में पारंगत हें अनुभव हें आदत हें और उस कार्य को क्षमता हें पर आज हम विश्व गुरु बन ने को अग्रसर हें आज भारत का नाम विश्व में बड़ी शक्ति के रूप में पहचाना जाता हें और समस्त भारतियों का लक्ष्य होना चाहिए की वह मुख्य धरा में आये और अपनी योगता के अनुसार "नव भारत" निर्माण में अपना-अपना योगदान दे उसके लिए हमे शायद कुछ समस्याओं का सामना भी करना पड़े पर जो भी हें अगर हमे अपनी आने वाली पीड़ी को संभालना हें तो कुछ तो नया करके दिखाना होगा कुछ परिवरतन हुम्हे करना ही होगा .

Wednesday, 1 December 2010

joshi samaj

जय शनि देव ,जय शनि देव जय शनि देव जय शनि देव जय शनि देव जय शनि देव जय शनि देव जय शनि देव जय शनि देव जय शनि देव जय शनि देव जय शनि देव जय शनि देव जय शनि देव जय शनि देव जय शनि देव जय शनि देव जय शनि देव जय शनि देव इस तरह भगवन श्री शनि देव का जप करते रहो आपका हर संकट दूर हो जायेगा

भगवन श्री शनि देव

भगवान् श्री शनि देव मनुष्यों के अच्छे बुरे कार्यो का निश्चित ही परिणाम देते हें श्री शनि देव का न्याय सबके के लिए सामान हें व्यक्ति क्या देव bhi bhagban shani dev ka nyay mante he