Saturday, 9 April 2011
जोशी जोशी समाज
जोशी---जोशी कुमाऊ के रहने वाले और पूजा कर्म करने वाले हें , यह २०० वर्ष हुए कुमाऊ से गड्वाल में पहुंचे, यथार्थ में जोशी में जोशी द्रविड़ ब्राह्मण हें जो की दक्षिण से आये थे, और गडवाल में इस खानदान के नोरंग्देव, श्योरंदेव, आये थे, यह वास्तव में ज्योतिष विद्या के ज्ञाता हें। स्रोत- जातिभास्कर पेज क्रमांक १३७
जोशी ज्योतिषी जोशी
गर्गगोत्री सुधानिधि चौबे अबध देश के उन्नाव जिले में दाधिया खेडा के रहने वाले राजा सोमचंद्र के साथ दशवी शताब्दी में झूंसी से कुमाऊ में आये , राज ज्योतिषी और राजमंत्री चतुर्वेदी जी हुए , ज्योतिषी होने से "जोशी" कहलाये , सेलाखोल झिजद, कलौन कोतवाल ग्राम आदि के जोशी इसी कुल में हें , यह घराना कुमाऊ का मुख्य राजमंत्री रहा, यह दीवान जोशी कहलाते हें , अनेक विद्वान राजनीतिक नेता इसमें हुए, वर्तमान समय में भी अनेक उच्च राज्पदों में हें अंग्रेजी के अनेक ग्रेजुएट हें, चौबे गर्ग गोत्री वंश में हें , यह कान्कुब्ज चौबे हें / आन्गिर्सगोत्री जोशी अबध से नाथुराज बिजय राज दो भाई कत्युरी राजा के समय यात्यार्थ आये राजा ने दरबार का ज्योतिष नियत किया , रोदिग्राम जागीर दिया, माला सर्प ओउर गल्ली के जोशी इसी कुल में हें , इनमे नामी २ ज्योतिष हुए अब भी अनेक अच्छे अच्छे ज्योतिर्विद इस कुल में हें, सन १६२६ से गल्ली के जोशी दीवान कहलाये। माला के जोशियों का तिथि पत्र प्रसिद्ध रहा। कौशिक गोत्रीय जोशी पंडित कृष्णानंद जो कौशिक गोत्री दोढी नेपल्राज्य से देवदर्शन हेतु आये गंगोली के मद्कोती राजा ने भेरंग में पुष्करी {पोखरी} ग्राम दिया, राज्य का ज्योतिष बनाया। राजा राजबहादुर चन्द्र के समय से चन्द्र राजाओ के ज्योतिषी हुए। भेरंग के जोशी कहलाते हें दरबान के शिलोती ग्राम में भी रहते हें। अच्छे अच्छे नमी ज्योतिषी इस कुल में हुए , इनका पंचांग भी कुमाऊ में मुख्य हें। यह ज्योतिषी क्रिश्नानान्दजी वांग देशी नदिया के कान्कुब्ज ब्रह्मण हें । स्रोत --जातिभास्कर पेज क्रमांक -१४१
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